क्रशिंग प्लांट रोकने के लिए धरना प्रदर्शन मौक़े पर दीपक प्रताप देव ने दिया बड़ा शंदेस
Gulam Mohmmad
भवनाथपुर : एशिया का सबसे बड़ा क्रशिंग प्लांट की नीलामी के बाद हो रही प्लांट की स्क्रैप कटिंग के विरोध में विस्थापित संघर्ष मोर्चा के नेतृत्व में मजदूरों का धरना प्रदर्शन सेल के प्रशासनिक भवन के समक्ष पांचवे दिन भी जारी रहा। धरना प्रदर्शन के पांचवे दिन धरना स्थल पर पहुंचे झामुमो नेता दीपक प्रताप देव तथा सोगरा बीबी ने मजदूरों को अपना समर्थन दिया। धरना स्थल पर मजदूरों को संबोधित करते हुए झामुमो नेता दीपक प्रताप देव ने कहा कि विस्थापितों एवं मजदूरों द्वारा प्लांट कटिंग के विरोध में पिछले पांच दिनों से जारी धरना प्रदर्शन और उनकी मांगो को सेल प्रबंधन अनसुना कर रही है। विस्थापित परिवार और मजदूरो के संघर्ष में मै अपना सर्वस्व न्यौछावर करते हुए उनका साथ देने को तैयार हूं। पूर्व के विस्थापितों की शहादत को जाया नहीं होने देंगे। कहा कि इस कड़कड़ाती ठंड में मजदूरों द्वारा किया जा रहा धरना प्रदर्शन पर सेल प्रबंधन कान में तेल डालकर सोया हुआ है। कहा कि सेल प्रबंधन मजदूरों की मांगो को अविलंब पूरा नहीं की तो यह लड़ाई आर पार की होगी। अंतिम लड़ाई में सेल के सीआईएसएफ के जवानो को अगर गोली चलाना है, तो पहले मुझ पर गोली चलाए, मेरे लाश पर ही क्रशिंग प्लांट यहां से कटकर जायेगा। कहा कि बंद खदानों को चालू करते हुए मजदूरों का बकाया मजदूरी भुगतान करे, अन्यथा ईंट से ईंट बजा देंगे। इस मौके पर इंटक यूनियन के सुशील चौबे, विस्थापित संघर्ष मोर्चा के बीरेंद्र साह, रामविजय साह, शंभू राम, झामुमो के लल्लू राम, ब्रजेश सिंह, गोपाल यादव, बूटा सिंह, विजय राउत सहित बड़ी संख्या में मजदूर मौजूद थे।
झामुमो नेताओं और विस्थापित मजदूरों ने प्लांट का लिया जायजा
सेल प्रबंधन द्वारा प्लांट स्क्रैप का कटिंग स्थगित किए जाने की बात कहे जाने के बाद धरना के पांचवे दिन धरना स्थल पर पहुंचे झामुमो नेता दीपक प्रताप देव, सोगरा बीबी, इंटक नेता सुशील चौबे, विस्थापित मजदूरों ने स्थानीय पुलिस प्रशासन तथा सेल के सीआईएसएफ के जवानों के साथ प्लांट के अंदर पहुंचकर स्क्रैप कटिंग का जायजा लिया। इस दौरान झामुमो नेताओं और विस्थापित मजदूरों ने देखा कि पिछले पांच दिनों से सेल प्रबंधन द्वारा प्लांट के कटिंग पर रोक लगा दी गई है। इसके बाद उक्त सभी लोग वापस धरना स्थल लौट कर नेताओं ने सेल प्रबंधन के अधिकारी 24 घंटे के अंदर धरना स्थल पर पहुंचकर मजदूरों की अन्य मांगों को पूरा करें।