धुरकी थाना क्षेत्र में हाथियों का कहर! खुटिया पंचायत में आधी रात 30 हाथियों का तांडव।Garhwa Tak News

धुरकी थाना क्षेत्र में हाथियों का कहर! खुटिया पंचायत में आधी रात 30 हाथियों का तांडव।Garhwa Tak News




 ब्यूरो रीपोर्ट गुलाम मोहम्मद 


धुरकी प्रखंड क्षेत्र के खुटिया पंचायत अंतर्गत शुरू गांव स्थित कनहर तटीय इलाके में शनिवार की रात हाथियों के एक बड़े झुंड ने भारी उत्पात मचाया। करीब तीस हाथियों का यह झुंड अचानक गांव में घुस आया और कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। हाथियों ने न केवल घरों को तोड़ा, बल्कि खलिहान में रखा धान भी खा गए। इसी दौरान एक बैल पर हाथियों ने कई बार हमला किया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना के बाद पूरे गांव में दहशत का माहौल व्याप्त है। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि रात भर वे अपनी जान बचाने के लिए आग जलाते रहे और बम-पटाखे फोड़कर किसी तरह हाथियों को दूर भगाने की कोशिश करते रहे। गांव में आदिवासी समुदाय और आदिम जाति के लोग रहते हैं, जो बेहद सुदूर और वनक्षेत्र से सटे इलाके में अपना जीवन-यापन करते हैं। घटना के समय गांव में अफरा-तफरी मच गई और लोग परिवार सहित सुरक्षित स्थान की तलाश में इधर-उधर भागते रहे। घटना की सूचना पाकर स्थानीय जनप्रतिनिधि मौके पर पहुंचे। झामुमो प्रखंड अध्यक्ष इसराइल खान, विधायक प्रतिनिधि लक्ष्मण प्रसाद यादव, मुखिया प्रतिनिधि इस्लाम खान और बीडीसी प्रतिनिधि कमलेश कुमार सिंह गोंड़ ने गांव पहुंचकर नुकसान का जायजा लिया और ग्रामीणों से मुलाकात की। प्रतिनिधियों ने घटना को गंभीर बताते हुए कहा कि हाथियों के इस तरह लगातार ग्रामीण इलाकों में प्रवेश से लोग भयभीत हैं और वन विभाग को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। इसके बाद जनप्रतिनिधियों ने तत्काल वन विभाग को घटना की जानकारी दी। सूचना मिलते ही फरिस्टर प्रमोद यादव अपनी टीम के साथ गांव पहुंचे। वन विभाग की टीम ने स्थिति का मुआयना किया और प्रभावित परिवारों को अस्थायी राहत के रूप में टॉर्च, रोशनी की सामग्री और हाथियों को भगाने में उपयोग होने वाले बम उपलब्ध कराए। ग्रामीणों द्वारा हुए नुकसान का आकलन करने के लिए विभागीय टीम ने फॉर्म भी भरवाया। अधिकारियों ने आश्वासन दिया कि क्षतिग्रस्त घरों, फसल व पशु हानि का मुआवजा शीघ्र ही प्रदान किया जाएगा। विभाग ने यह भी कहा कि हाथियों की गतिविधि पर नियंत्रण के लिए अतिरिक्त टीम इलाके में तैनात की जाएगी। इस घटना के बाद ग्रामीणों का कहना है कि यह घटना पहली बार नहीं हुई है। पिछले छह महीनों में हाथियों द्वारा ऐसे हमले कई बार हो चुके हैं, लेकिन वन विभाग की ओर से अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। न ही किसी स्थायी टीम की तैनाती की गई है और न ही हाथियों को सुरक्षित तरीके से गांव से दूर भगाने की कोई प्रभावी व्यवस्था की गई है। इससे ग्रामीणों में विभाग के प्रति गहरा आक्रोश और निराशा व्याप्त है। इस मौके पर ग्रामीण अनिल कोरवा, राजेश कोरवा , संजय परहिया, सहित कई ग्रामीण मौजूद थे।



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