संविधान बचाओ – भाईचारा बनाओ सम्मेलन” में काशिफ़ रज़ा और राहुल मुर्मू के जोशीले बयानों ने भरी चेतना — एकता और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण का लिया संकल्प।Garhwa Tak News

संविधान बचाओ – भाईचारा बनाओ सम्मेलन” में काशिफ़ रज़ा और राहुल मुर्मू के जोशीले बयानों ने भरी चेतना — एकता और संवैधानिक अधिकारों के संरक्षण का लिया संकल्प।Garhwa Tak News


 रीपोर्ट -परमवीर पात्रों 

पूर्वी सिंहभूम जमशेदपुर के बोधि मंदिर, साकची में आयोजित “संविधान बचाओ – भाईचारा बनाओ सम्मेलन” में विभिन्न समुदायों की ऐतिहासिक भागीदारी देखने को मिली। सम्मेलन के मंच से दिए गए नेतृत्वकर्ताओं के वक्तव्यों ने समाज में नई एकता और जागरूकता की लहर पैदा की।


कार्यक्रम में स्टेट प्रेसिडेंट एवं राष्ट्रीय कोर कमिटी के सदस्य श्री काशिफ़ रज़ा ने कहा कि “भारत का संविधान सिर्फ़ एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि सबसे बड़ा हथियार है — जो हर नागरिक को सम्मान, न्याय और समान अधिकार देता है। हम इसे कमज़ोर नहीं होने देंगे।” उन्होंने कहा कि समाज तब मजबूत होता है जब वंचित, उत्पीड़ित और मेहनतकश तबका संगठित होकर अपनी आवाज़ उठाता है। “हम धर्म, जाति या वर्ग के नाम पर बंटने नहीं आए हैं — हम एक होने आए हैं और अपने अधिकार लेकर रहेंगे।”


इसी क्रम में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि श्री राहुल मुर्मू — स्टेट प्रेसिडेंट, पुलिस एसोसिएशन झारखंड ने कहा कि “असली विकास तभी संभव है जब समाज का हर व्यक्ति सुरक्षित, सम्मानित और अधिकार संपन्न हो। संविधान ने हमें बराबरी का अधिकार दिया है और इस अधिकार की रक्षा समाज की संयुक्त जिम्मेदारी है।” उन्होंने आगे कहा कि भाईचारा, संवाद और लोकतांत्रिक मूल्यों को मजबूत करने से ही राष्ट्र की प्रगति संभव है।


सम्मेलन की सफलता में कई सामाजिक कार्यकर्ताओं और युवा नेतृत्वकर्ताओं की सक्रिय भागीदारी रही। इस मौके पर मंच और सभा में विशेष रूप से मौजूद रहे —

दिनेश गौतम, शमीम अकरम, परवेज शहजाद, फ़ैयाज़ आलम, परमबीर पात्रों, सनत सिंह, सरदार आफताब अली, एजाज अहमद, सोनू (स्माइल), राशिद खान, वसीम, राजू मुखी, रतन बारीक, राजू लोहरा, बलराम कर्मकार, कमरुन निशा, जेबा आलो और शेख खुशनूर।

इन सभी ने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और संविधान एवं भाईचारे के संदेश को समाज तक पहुँचाने की प्रतिबद्धता जताई।


कार्यक्रम के अंत में पूरा माहौल संकल्प के नारों से गूंज उठा —

“संविधान अमर रहे — भाईचारा कायम रहे।”

 “दलित, मुस्लिम, आदिवासी, पिछड़ा साथ चलेगा — संविधान का राज चलेगा।”


सम्मेलन के साथ यह घोषणा भी की गई कि आगे भी इसी एकजुटता के साथ समाज में जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे और न्याय, सम्मान और समान अवसर की लड़ाई निरंतर जारी रहेगी।

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