आदित्यपुर। ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली चोरी पर रोक लगाने के नाम पर विभागीय कार्रवाई ने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। राज्य सरकार के साफ निर्देशों के बावजूद आदित्यपुर ग्रिड कार्यालय के अधिकारी गरीब और बेबस लोगों पर लगातार केस ठोक रहे हैं, जबकि असली बिजली चोर सुरक्षित हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि आदित्यपुर ग्रिड के जेईई वर्षों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं। मलाईदार पोस्टिंग और नियमों की अनदेखी ही भ्रष्टाचार का सबसे बड़ा सबूत है। ग्रामीणों ने खुलासा किया कि बिना कनेक्शन वाले कई दुकानें अधिकारियों की मिलीभगत से धड़ल्ले से बिजली का उपयोग कर रही हैं, लेकिन कार्रवाई सिर्फ चुनिंदा लोगों पर की जा रही है। पीड़ित दुकानदार ने बताया कि उसने विधिवत आवेदन कर कनेक्शन लेने की बात कही थी, लेकिन उसकी बात सुनी ही नहीं गई और सीधे केस ठोक दिया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह साफ तौर पर अधिकारियों और असली बिजली चोरों की सांठगांठ का नतीजा है। गरीब दुकानदारों को बलि का बकरा बनाया जा रहा है, जबकि बड़े उपभोक्ताओं को संरक्षण दिया जा रहा है। ग्रामीणों ने राज्य सरकार से मांग की है कि आदित्यपुर ग्रिड कार्यालय के अधिकारियों की हाई लेवल जांच कराई जाए और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।