वीणापाणी ज्ञानोदय मॉडर्न पब्लिक स्कूल, गम्हारिया में नवरात्रि पर नौ रूपों की भव्य झांकी।Garhwa Tak News

वीणापाणी ज्ञानोदय मॉडर्न पब्लिक स्कूल, गम्हारिया में नवरात्रि पर नौ रूपों की भव्य झांकी।Garhwa Tak News


 रीपोर्ट:-परमवीर पात्रो 

सराइकेला। गम्हारिया प्रखंड स्थित प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान वीणापाणी ज्ञानोदय मॉडर्न पब्लिक स्कूल में नवरात्रि के पावन अवसर पर धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया गया। इस अवसर पर विद्यालय के छात्र-छात्राओं ने मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की आकर्षक झांकी प्रस्तुत की, जिसे देखकर पूरा परिसर भक्तिमय माहौल में डूब गया।


कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ हुई। विद्यालय प्रबंधन, प्राचार्य और शिक्षकों ने संयुक्त रूप से मंच का उद्घाटन किया। इसके बाद विद्यार्थियों ने क्रमवार मां शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी और सिद्धिदात्री की झांकी प्रस्तुत की। प्रत्येक स्वरूप के साथ भक्ति गीत, नृत्य और मंत्रोच्चार हुआ, जिसने दर्शकों को भावविभोर कर दिया।


विद्यालय के छोटे बच्चों ने मां शैलपुत्री और ब्रह्मचारिणी की झांकी में अपनी भूमिका निभाकर सबका मन मोह लिया, जबकि वरिष्ठ छात्रों ने महाकाली और महागौरी का स्वरूप धारण कर दर्शकों को स्तब्ध कर दिया। पूरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी और बच्चों का उत्साह दोगुना हो गया।


विद्यालय प्रबंधन समिति ने कहा कि इस प्रकार के सांस्कृतिक आयोजन बच्चों के आत्मविश्वास और सृजनात्मक क्षमता को बढ़ाते हैं। साथ ही भारतीय संस्कृति और परंपराओं से जोड़ने में भी इनकी अहम भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि नवरात्रि केवल पूजा-अर्चना का पर्व नहीं, बल्कि यह शक्ति, साहस और सत्य की विजय का प्रतीक है।


शिक्षकगणों ने बच्चों को नवरात्रि और देवी के नौ रूपों की महत्ता बताते हुए कहा कि यह पर्व हमें जीवन में धैर्य, साहस और सद्गुणों को अपनाने की प्रेरणा देता है। झांकी की सजावट, मंच संचालन और बच्चों की पारंपरिक वेशभूषा ने कार्यक्रम को और भी भव्य बना दिया।



इस अवसर पर बड़ी संख्या में अभिभावक और स्थानीय लोग मौजूद रहे। उन्होंने बच्चों की प्रस्तुतियों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह के आयोजन बच्चों में संस्कार और संस्कृति के प्रति गर्व की भावना जागृत करते हैं।


विद्यालय की प्राचार्या ने अपने संबोधन में कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं है, बल्कि बच्चों का सर्वांगीण विकास तभी संभव है जब उन्हें सांस्कृतिक और सामाजिक मंच भी मिले। उन्होंने कहा कि नवरात्रि की झांकी बच्चों को यह सीख देती है कि सत्य और सद्गुण की विजय हमेशा असत्य और दुर्गुणों पर होती है।

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