बेबी महतो : संघर्ष से उभरी झारखंड की जुझारू महिला नेत्री।Garhwa Tak News
रीपोर्ट -परमवीर पात्रो
रांची। झारखंड की राजनीति में महिलाओं की भागीदारी लगातार बढ़ रही है। इसी कड़ी में बेबी महतो का नाम आज दृढ़ इच्छाशक्ति, संघर्ष और समाजसेवा की मिसाल के रूप में जाना जाता है। झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) की तेजतर्रार महिला नेत्री के रूप में उन्होंने अपने कार्यों से जनता के बीच अलग पहचान बनाई है।
छात्र जीवन से शुरू हुआ संघर्ष
बेबी महतो ने छात्र जीवन के दौरान ही सामाजिक मुद्दों के प्रति जागरूकता दिखाई। वह शिक्षा के साथ-साथ समाज में व्याप्त अन्याय और असमानता के खिलाफ आवाज उठाती रहीं। युवाओं और महिलाओं को संगठित कर उन्होंने कई सामाजिक अभियानों की शुरुआत की।
आंदोलन और संघर्ष
राजनीति में आने से पहले बेबी महतो ने कई जनआंदोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा, जल-जंगल-जमीन और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर धरना-प्रदर्शन और रैली की अगुवाई की। इन आंदोलनों ने उन्हें जनता के बीच एक सशक्त और निर्भीक नेता के रूप में स्थापित किया।
राजनीतिक सक्रियता
बेबी महतो झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा से जुड़कर गरीब, किसान, मजदूर और पिछड़े वर्ग के लोगों की आवाज बन चुकी हैं। उनका मानना है कि राजनीति का असली मकसद समाज के हर वर्ग तक न्याय पहुंचाना है। वे लगातार आम जनता की समस्याओं को लेकर प्रशासन तक आवाज उठाती रहती हैं।
बेबी महतो का मंतव्य
उनका कहना है —
> “राजनीति सत्ता का साधन नहीं, बल्कि समाज सेवा का माध्यम है। जब तक झारखंड की हर महिला सशक्त नहीं होगी, तब तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।”
निष्कर्ष
बेबी महतो की पहचान आज एक ऐसी महिला नेत्री के रूप में है जो न केवल अपने विचारों में दृढ़ हैं, बल्कि जमीनी स्तर पर भी लगातार सक्रिय हैं। उनकी कहानी प्रेरणा देती है कि अगर इच्छाशक्ति और मेहनत हो, तो समाज परिवर्तन का रास्ता किसी के लिए असंभव नहीं।